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Harnessing the IT Potential of Madhya Pradesh
Madhya Pradesh- Emerging Logistics Hub Which Offers a Plethora of Employment Opportunities
इंदौर शहर में कम लागत के 1000 घरों का निर्माण होगा
1000 low cost houses to be built in Indore city
एमपी में आईटी सेक्टर में रोज़गार बढ़ाने का बड़ा कदम
Major step to increase jobs in IT sector
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रयासों की सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन एकानामी की रिपोर्ट गवाही दे रही
कमलनाथ सरकार के मैग्नीफिसेंट एमपी के पहले दो ऐतिहासिक निर्णय: शोभा ओझा
प्रदेश में 8 औद्योगिक इकाइयों में 6013.90 करोड़ रुपये पूँजी निवेश सुनिश्चित
मध्यप्रदेश भू-संपदा नीति तथा मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 अनुमोदित
गोंड जनजाति कला वर्ष के रूप में मनाया जाएगा मध्यप्रदेश स्थापना दिवस
आम आदमी के लिए जन सुविधाएँ बढ़ाना शासन का लक्ष्य : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
तीर्थ-दर्शन योजना में जुड़ेंगे गुरुनानक देव साहिब के पाँच आस्था स्थल
मुख्यमंत्री कमलनाथ मैग्निफ़िसेंट एमपी से एक दिन पहले 856 करोड़ के 5 प्रॉजेक्ट्स का करेंगे लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ करेंगे जननी एम्बुलेंस (रिप्लेसमेंट) सेवा का शुभारंभ
अफ्रीकी देशों ने भी संविधान बनाने में ली बाबा साहेब अम्बेडकर की मदद
राष्ट्रीय उद्यानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग पर विचार हो - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
गौ-संरक्षण अभियान का नाम होगा मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना
एमपी में शिवराज सिंह सरकार के समय में बनी सड़कों की जांच होगी- पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन वर्मा
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के विरूद्ध वृक्षरोपण में किये गये शासकीय धन का अपव्यय की शिकायत ईओडब्ल्यू में- वन मंत्री उमंग सिंघार
भोपाल में दो नगर-निगम बनाने के संदर्भ में दिया गया, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का बयान निंदनीय
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश इन्वेस्टर्स समिट तैयारियों की समीक्षा की
बदलते वैश्विक दौर में हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र का विकास चुनौतीपूर्ण
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से की मुलाकात
कमलनाथ सरकार के ठोस प्रयासों के चलते मध्यप्रदेश अन्य क्षेत्रों के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बनेगा देश का अग्रणी राज्य: शोभा ओझा
क्या शिवराज सरकार द्वारा नये जिले बनाने से प्रदेश टुकड़े-टुकड़े हो गया?-भूपेन्द्र गुप्ता
अल्प समय में जनहित और प्रदेश के विकास के फैसले एक रिकार्ड है- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
प्रदेश में पर्यटन को आकर्षित करने के लिये सुविधाजनक नीति का आगाज
पर्यटकों के लिये 11 शहरों में 12 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक "सिटी वॉक फेस्टिवल
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की प्रधानमंत्री से 45 मिनिट चर्चा ; बाढ़ से हुए नुकसान का ज्ञापन सौंपा
इंवेस्टर्स-समिट के पहले ही, प्रदेश में आया लगभग 30,000 करोड़ का निवेश उत्साहवर्धक
गांधीवादी नेता राजगोपाल पी.वी. के नेतृत्व में महात्मा गांधी के 150 वे जन्मदिवस पर 10 देशों में पदयात्रा का आयोजन
झाबुआ विधानसभा उपचुनाव के प्रचार-प्रसार हेतु समन्वय समिति का गठन
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ का नई दिल्ली में इंडिया इकोनॉमिक समिट के सत्र "स्टेट्स ऑफ़ यूनियन" संबोधित किया
केन्द्र सरकार प्रदेश के अति-वर्षा और बाढ़ प्रभावितों के लिये जारी करे 7154.28 करोड़
आज भारत को महात्मा की ज्यादा जरूरत है - कमल नाथ (ब्लॉग)
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में "वन्दे-मातरम्" सामूहिक गायन
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में रोड शो एवं जनसभा की
सभी विश्वविद्यालय होंगे डिजिटल ; अनिवार्य होगी नैक ग्रेडिंग : राज्यपाल श्री टंडन
राजा भोज के नाम पर होगी मेट्रो रेल परियोजना:मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
मेट्रो रेल और भोपाल के विकास की कहानी मुख्यमंत्री की जुबान
स्वयं की नाकामी के खिलाफ धरने पर शिवराज: अभय दुबे
कागजी कार्यवाही होती रहेगी, किसानों और बाढ़ प्रभावितों को तत्काल दी जाए राहत- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
15 अक्टूबर तक सभी बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा वितरित होगा- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
चिंतित न हों, सरकार पीड़ितों के साथ पूरी मदद की जाएगी- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
बाढ़ प्रभावितों की मदद का काम मिशन के रूप में करें- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
अतिवृष्टि व बाढ़ पर राजनीति करने वाली भाजपा देख ले कमलनाथ सरकार की नीति व नीयत
मुख्यमंत्री श्री नाथ को केन्द्रीय अध्ययन दल ने अति वर्षा से हुए नुकसान से अवगत कराया
अनुभवहीनता और गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में मंदी- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
राज्य स्तरीय अधिमान्यता और पत्रकार संचार कल्याण समिति सहित 2 अन्य समितियों का गठन
प्रदेश भर में प्रदर्शन का पाखंड करने वाले भाजपा नेता केंद्र से मदद के नाम पर मौन क्यों ?: शोभा ओझा-अभय दुबे
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के संचालक मंडल को दिए निर्देश
अति-वृष्टि और बाढ़ से प्रदेश को अब तक 11 हजार 906 करोड़ की क्षति
मध्यप्रदेश को केन्द्र सरकार अतिवर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान के लिए 11000 करोड से अधिक का पैकेज दे- मंत्री पीसी शर्मा
जहां प्रदेश सरकार आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है, वहीं भाजपा नेताओं में मची है, एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़: शोभा ओझा
कमलनाथ दृढ़ इच्छाशक्ति वाले मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने में लगे - नरेंद्र सलूजा
मध्यप्रदेश के छ: शहरों में सेफ सिटी कार्यक्रम संचालित करने की मंजूरी- मंत्रि-परिषद के निर्णय
प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान का आंकलन कर, कलेक्टरों को दिये क्षतिपूर्ति के निर्देश
कमलनाथ जी का सक्षम नेतृत्व है , इंदौर में मेट्रो भी चलेगी और इंदौर महानगर भी बनेगा- अभय दुबे
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि एमपी के सभी जिलों को दी  
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा झाबुआ में मुख्यमंत्री आवास मिशन का शुभारंभ
एमपी की कमलनाथ सरकार ने 8 महीनों में ऐतिहासिक और लोक कल्याणकारी निर्णय लिये— श्रीमती शोभा ओझा
सोनिया गांधी से मिले मुख्यमंत्री कमलनाथ, एमपी कांग्रेस अध्यक्ष सहित अनेक विषयों पर हुई चर्चा
मध्यप्रदेश के नए प्रमुख सचिव जनसंपर्क बने संजय शुक्ल, वर्तमान दायित्वों के साथ मिली अतिरिक्त जिम्मेदारी

एमपी में भाजपा के शासन के 15 साल-बनाम कांग्रेस शासन के 9 माह
उन्होंने दागी गोलियां : हमने किया कर्जा माफ- अभय दुबे

मध्यप्रदेश के आदिवासियों को वनाधिकार हक़ दिलाने आगे आये मुख्यमंत्री कमलनाथ

 
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मध्यप्रदेश के आदिवासियों को वनाधिकार हक़ दिलाने आगे आये मुख्यमंत्री कमलनाथ

12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में आदिवासियों का मजबूती से पक्ष रखने को कहा

वन मित्र सॉफ्टवेयर से वनाधिकार पत्र दिलाने की प्रक्रिया तेज़



 

भोपाल, 6 सितंबर 2019 ( एमपीपोस्ट ) । केंद्र सरकार की गलती सुधारते हुए मध्यप्रदेश में वनाधिकार अधिनियम के तहत 3 लाख 60 हजार 181 वनवासी परिवारों को वनभूमि के अधिकार-पत्र पाने से वंचित होने से बचाने के लिए कमलनाथ सरकार आगे आयी है ।

एमपीपोस्ट को मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आदिवासियों को वनाधिकार हक़ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 12 सितंबर को तथ्य और तर्कों के साथ पक्ष रखने को कहा है। ।सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले 11 सितंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ इस विषय की समीक्षा भी करेंगे।
आदिवासियों को वनाधिकार हक़ दिलाने में पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आदिवासियों के हित में पक्ष रखने में खास रुचि नहीं ली इसलिए यह संकट आदिवासियों के सामने वनाधिकार का खड़ा हो गया।
मध्यप्रदेश में लगभग 6 लाख 26 हज़ार 511 परिवारों ने वनभूमि का हक पाने के लिए आवेदन किए। प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अब तक दो लाख 55 हजार 152 वन निवासियों को व्यक्तिगत और 27 हजार 967 को सामुदायिक एवं 3159 अन्य परंपरागत वर्ग को वन अधिकार-पत्र वितरित किए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 13 फरवरी, 2019 को पारित आदेश में तीन लाख 60 हजार 181 आवेदनों को निरस्त करते हुए कब्ज़ा हटाने को कहा था। जैसे ही मुख्यमंत्री कमल नाथ को इस निर्णय की जानकारी लगी उन्होंने तत्काल प्रभाव से सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का आदिवासियों को वनाधिकार हक़ दिलाने के लिए आगे आकर पक्ष रखने को कहा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को संशोधित करते हुए 28 फरवरी, 2019 को कहा कि छह माह से एक साल के भीतर आदिवासियों के दिसंबर 2005 के पूर्व के काबिज होने और अन्य के 75 साल से पहले के भूमि कब्जे के प्रमाण दिखाईये। वंचित लोगों को उनका हक दिलाने के लिए सरकार की ओर से कवायद तेज कर दी गई है।

राज्य सरकार निरस्त दावों के पुनर्परीक्षण के लिए वन मित्र सॉफ्टवेयर का सहारा ले रही है।

वनवासी परिवारों का वर्षो से वनभूमि पर कब्जा रहा है, मगर उन्हें मालिकाना हक हासिल नहीं हो पाया था। तमाम सामाजिक संगठनों ने संघर्ष का रास्ता तय किया, जिसके चलते अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी (वनाधिकारों की मान्यता) अधिनियम बना।

अधिनियम के अनुसार, लोगों को दो तरह के अधिकार दिए जा सकते हैं। पहला व्यक्तिगत और दूसरा सामूहिक। व्यक्तिगत अधिकार के लिए वनवासी को अपनी पुश्तैनी भूमि, मकान, खेती योग्य जमीन के लिए दावा फॉर्म भरना होगा। वहीं वनग्राम और ग्रामसभा उस जंगल पर अधिकार के लिए सामूहिक दावा कर सकता है, जहां से वे चारापत्ती, जलावन, हक-हकूक की इमारती लकड़ी लेते हैं। उसमें उन गौण वन उत्पादों पर भी सामूहिक दावा किया जा सकता है, जिसे लोग पारंपरिक रूप से संग्रहण कर बेच सकते हैं।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वन अधिकार अधिनियम-2006 के तहत निरस्त दावों के बेहतर परीक्षण के लिए पूरी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत करने के लिए कहा था। राज्य सरकार ने महाराष्ट्र नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार किए गए वन मित्र सॉफ्टवेयर को लगभग 37 लाख रुपये में खरीद लिया गया है। वन मित्र सॉफ्टवेयर को प्रदेश सरकार अपने अनुकूल बदलाव करने के बाद उपयोग कर रही है।
वनाधिकार पत्र भरने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग इस कार्य को तेजी के साथ कर रहा है। वन मित्र सॉफ्टवेयर के जरिये पायलट होशंगाबाद जिले में किया जा रहा है। इस जिले में 1175 वनाधिकार पत्र भरे जाना है 24 जून 2019 से अभी तक 558 से अधिक आवेदकों ने दावे पत्र भरे हैं।
कमलनाथ ने आदिवासियों को वनाधिकार हक़ दिलाने और उनके हितों की रक्षा करने के लिए राज्य के सभी ग्राम रोजगार सहायक को वनाधिकार पत्र भरवाने के लिए टैबलेट डिवाइस टेक्नोलॉजी सहित दिए हैं।

आयुक्त आदिवासी कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन ने वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निरस्त दावों के पुनर्परीक्षण के लिए वन मित्र सॉफ्टवेयर अपने अनुकूल विकसित किया है। एक पायलट होशंगाबाद जिले में चल रहा है। सरकार का मानना है कि सॉफ्टवेयर द्वारा परीक्षण से दावों के निराकरण में त्वरित गति आएगी और पारदर्शिता भी रहेगी। विभाग ने इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया और उन्होंने तीन लाख 60 हजार 181 दावों के पुनर्परीक्षण का कार्य शुरू किया है।

कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के समय वचन-पत्र में यह भी कहा है कि वनाधिकार अधिनियम 2006 एवं संशोधन 2013 के तहत वन भूमि पर जिन कब्जाधारी आदिवासियों को पट्टा नहीं मिला है उनको पट्टा दिलवाएंगे और उनकी भूमि को कृषि योग्य बनाएंगे। पट्टों की जगह मालिकाना हक़ देंगे।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की लापरवाही के कारण 17 प्रदेशों के 11 लाख 72 हजार 931 आदिवासियों के सामने अपनी जमीन पर रहने का संकट पैदा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों को शर्तें पूरी न करने के कारण उनकी जमीन से बेदखल करने का नोटिस 17 राज्य सरकारों को भेजा है।

       

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